निशान सा!

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नाम तेरा लेकर होंठो तक, मेरी हँसी जा रही है, दिल के उजड़े खंडहर में, ढूंढता हूँ कोई मकान सा,, धड़कने हवाओ सी हौले हौले बही जा रही हैं, पता ढूंढता ...

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